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Wednesday, May 8, 2013

मेरी नमाज़ों का कुछ ऐसा सिला दे

मेरी नमाज़ों का कुछ ऐसा सिला दे
खुदा मुझे ता-उम्र उसका बेटा ही बने रहने दे।

और 

जिस पेड़ की छाया में बीत गई है यह ज़िन्दगी
खुदा, उस बूढ़े पेड़ को उम्र भर मेरा साया बने रहने दे।

#रोमिल

Tuesday, May 7, 2013

इस तरह दीवाना हो गया था परिंदा

इस तरह दीवाना हो गया था परिंदा,
मुहब्बत में मस्ताना हो गया था परिंदा,
छोड़कर दुनिया को,
आसमान में बनाने चला था मुहब्बत का घोंसला,
मगर चोट इस कदर खाई उसने,
न उड़ने का हौसला रहा,
न फिर गिरने की हिम्मत रही !

#रोमिल

Monday, May 6, 2013

बहुत आरज़ू थी की उसकी डायरी मुझको मिल जाये

"बहुत आरज़ू थी की उसकी डायरी मुझको मिल जाये
जो सपने थे उन पन्नों में 
वोह सब मेरे हो जाये 
वो ही तो मेरी गीता थी
वो ही तो मेरी क़ुरान थी
उसकी सिद्दत में यह सर झुक जाये...
रोमिल, बहुत आरज़ू थी की उसकी डायरी मुझको मिल जाये"
~*~
"जाते-जाते इस दुनिया से एक एहसान मेरे लिए कर जाना
रोमिल, अपनी कब्र को नाम मेरे कर जाना"

#रोमिल

Sunday, May 5, 2013

मुहब्बत में अपना कुछ तो हाल होना हैं...

आबाद होना हैं या बर्बाद होना हैं
मुहब्बत में अपना कुछ तो हाल होना हैं...
***
ऐसे न तोड़ा करो हुजुर इसको
यह मेरा दिल हैं दिल
न कोई तेरा खरीदा हुआ खिलौना हैं...
***
कातिल से कैसी रहम की गुज़ारिश करना
उसी के हाथों मरना हैं
जिसने ज़िन्दगी का दिया तोहफा हैं...
***
इतना न रब से माँगा करो भीख रोमिल
नसीब में जो लिखा हैं
वही तो होना हैं...

#रोमिल

meri aankhon se

Romil, meri aankhon se jhalak jaate hain teri bewafai ke aansoo
ab inko aankhon mein panah nahi de jaati mujhse...

#Romil

रोमिल, मेरी आँखों से झलक जाते है तेरी बेवफ़ाई के आँसू...
अब इनको आँखों में पनाह नही दी जाती मुझसे...

#रोमिल

kasoor yeh tha

Romil, kasoor yeh tha ki humko roshani se mohabbat thi...
saaza yeh mili ki
ta-umar rehna pada andheron mein...

#Romil

रोमिल, कसूर यह था कि हमको रोशनी से मुहब्बत थी...
सज़ा यह मिली कि
ता-उम्र रहना पड़ा अँधेरों में...

#रोमिल

Saturday, May 4, 2013

तमाशा बनने की तुम्हारी बारी थी...

इश्क भी था
मजबूरी भी थी
ऐसी अपनी ज़िन्दगी थी...
***
टूटी हुई झोपड़ी वोह छोड़कर चला गया
सामने उसके दौलत की हवेली जो थी...
***
मैं रोता रहा
आसमान रोता रहा
बारिश भी तो जरुरी थी...
***
उसे दोस्त कहूँ
या फिर मुसाफ़िर
दो पल की ही अपनी दोस्ती-यारी थी...
***
बेवफा से दिल लगा लिया रोमिल
तमाशा बनने की तुम्हारी बारी थी...

#रोमिल

जब देखोगी किसी को प्यार करते हुए

जब देखोगी किसी को प्यार करते हुए
मेरा प्यार याद करोगी...
~*~
छुप-छुप कर रोओगी तकिये से लिपटकर
मेरी वफायें याद करोगी...
~*~
दुनिया हँसेगी तुम्हारी हालत देखकर 
किस-किस से फरियाद करोगी...
~*~ 
जब चाहोगी मेरा साथ फिर से
अपनी बेवफाई याद करोगी...

#रोमिल

Thursday, May 2, 2013

झूठे हैं...

दोनों मोहब्बत करते हैं
फिर भी कहने से डरते हैं
वोह कहते हैं हम झूठे हैं
हम कहते हैं वोह झूठे हैं...
***
मिलकर उनसे दिल को करार आ जाता हैं
जो मेरे अपनों से कम झूठे हैं...
***
दो क़दम का रास्ता उनसे पार होता नहीं
जो कहते हैं मेरे वादे सच्चे हैं
तेरे वादे झूठे हैं...
***
इतनी बेवफाई के बाद भी उसकी वफ़ा की तारीफ करते हो रोमिल
तुम झूठे हो
या तुम्हारे कलम झूठे हैं...

#रोमिल

Wednesday, May 1, 2013

अब क्या हाल सुनाये तुमको दिल-ए-बेकरार का...

अब क्या हाल सुनाये तुमको दिल-ए-बेकरार का...
दिल को करार आये
तुमको देखने के बाद...
अब क्या हाल सुनाये 
तुमको दिल-ए-बेकरार का...
***
कहने को कई बातें हैं
मगर कहे कैसे हम
होंठ बोलते हैं मगर
तेरे जाने के बाद
अब क्या हाल सुनाये 
तुमको दिल-ए-बेकरार का...
***
हैं आरज़ू बहुत तुमको नज़रों में बसा के रखे
नज़रें भीग जाये 
तुमको याद करने के बाद...
अब क्या हाल सुनाये 
तुमको दिल-ए-बेकरार का...
***
होती हैं शमा रोशन 
चाँद के आने के बाद
अपनी रातों में हैं अँधेरा
तेरे जाने के बाद..
अब क्या हाल सुनाये 
तुमको दिल-ए-बेकरार का...

रोमिल, अब क्या हाल सुनाये 
तुमको दिल-ए-बेकरार का...

#रोमिल

Tuesday, April 30, 2013

तेरे पहलू में भी बहुत इल्ज़ाम आते हैं...

जो खुद बदल जाये 
उनको हर शख्स बदले हुए नज़र आते हैं...
दूसरों की ख़ता गिनाने वाले
तेरे पहलू में भी बहुत इल्ज़ाम आते हैं...
*****
मैंने यह कब कहाँ था उसे "छोड़कर दुनिया मेरे साथ चल"
लेकिन बेवफा हो जाना... यह फैसला उसका था...

#रोमिल

Monday, April 29, 2013

मैं और उसको भूल जाऊँ...

तस्वीर मैंने मांगी थी रोमिल
इबादत के लिए...
उसने एक ख़त भेज दिया खुदा हाफ़िज़ कहते हुए...
-----*-----
मैं और उसको भूल जाऊँ
कैसी बातें करते हो?
सूरत तो रब की भी नहीं देखी 
इबादत के लिए उसका नाम ही काफी हैं...

#रोमिल

दो साहिलों के बीच इतनी गहराई क्यों होती हैं

दो साहिलों के बीच इतनी गहराई क्यों होती हैं
सारी दुनिया होती हैं अपने पास फिर भी किसी एक की तलाश क्यों होती हैं 
वैसे तो मर कर कोई वापस नहीं आता रोमिल
फिर भी आँखों में किसी के लौट आने की ख्वाइश क्यों होती हैं...

#रोमिल

Sunday, April 28, 2013

खबर नहीं थी वोह इस तरह बेवफा हो जायेगा

खबर नहीं थी वोह इस तरह बेवफा हो जायेगा 
अपने निकाह पर भी मुझे न बुलाएगा...
***
ख्वाइश थी की उसे अपनी बाहों में सजा कर रखूँ
पता नहीं था वोह इस तरह बाहें खोलकर उड़ जायेगा...
***
आरज़ू थी की उसका दीवाना कहलाऊँ
पता नहीं था वोह पागल बना जायेगा...
***
सातों जहाँ तक रखना चाहता था उसके साथ रिश्ते 
रोमिल, पता न था वोह अपनी जन्नत किसी और के साथ बसाएगा...

#रोमिल

Saturday, April 27, 2013

कभी-कभी

यह जरुरी तो नहीं की हर रिश्ते का कोई नाम हो
कुछ रिश्ते मन से भी होते है जो बिल्कुल अंजान होते है.
*
कभी-कभी नज़रे बस एक नज़र किसी को देखती है और 
उसकी सूरत मन में बस जाती है.
*
कभी-कभी दूर से आती किसी की आवाज़
मन को मदहोश करके चली जाती है.
*
कभी-कभी राह में चलते-चलते किसी के होंठो की मुस्कुराहट
बहते हुए आँसूओं को रोक लेती है.
*
कभी-कभी अंजान रिश्ते
अपने रिश्तों से कही ज्यादा अपने होते है. 
*
रोमिल, यह जरुरी तो नहीं की हर रिश्ते का कोई नाम हो
कुछ रिश्ते मन से भी होते है जो बिल्कुल अंजान होते है.

#रोमिल

आ फिर आंसू से आखें भर ले

आ फिर आँसू से आँखें भर ले
आ फिर कोई भूले हुए गम से दिल हरा कर ले
आ फिर तन्हाई से मुलाक़ात कर ले
आ फिर बीते हुए वक़्त में चले...
आ फिर... रोमिल

#रोमिल

Thursday, April 25, 2013

खिलौनों के लिए तरसा हैं बचपन मेरा

खिलौनों के लिए तरसा हैं बचपन मेरा
मैं अपने ख़्वाबों से खेला करता था
रोज़ बनाता था नए ख़्वाब 
फिर उसे तोड़ दिया करता था...
~
चाँद को देखकर
बर्फ का गोल, गोला बना लिया करता था,
दिन में तितलियों से
रात में जुगनू से दोस्ती किया करता था,
एक ही फन आता था मुझे
मैं दूसरों के दुःख में रो लिया करता था...
~
खिलौनों के लिए तरसा हैं बचपन मेरा
मैं अपने ख़्वाबों से खेला करता था...

#रोमिल

Wednesday, April 24, 2013

साथ छोड़ गया वोह बातों-बातों में

साथ छोड़ गया वोह बातों-बातों में
फिर न मिला मुझे ख़्वाबों में
ख़यालतों में...
***
किससे कहे अपना दर्द
कोई न मिला मुझे तन्हा रातों में...
***
उसकी कसमों से कुछ ऐसा सजाया घर को
दिल को जलाकर रोशन होता रहा
अँधेरी रातों में...
***
बेवफाई करके कहता हैं वोह रोमिल
अपनी लकीर ही नहीं थी तेरे हाथों में...

#रोमिल

Tuesday, April 23, 2013

यह दुनियादारी हमसे न होगी

यह दुनियादारी हमसे न होगी हम तो दिलदारी कर सकते हैं
दिल की बातें सुनते हैं
दिल पर यकीन करते हैं.
यह समझदारी हमसे न होगी
यह दुनियादारी हमसे न होगी...
!*!
दिल का सौदा दिल से करते हैं
हर अपने को अपना समझते हैं
हम तो अजनबियों से भी वफा करते हैं
यह बेवफाई हमसे न होगी
यह दुनियादारी हमसे न होगी...
!*!
खवाबों को सजाकर रखना जानते हैं
यादों को संजोकर रखना जानते हैं
खवाबों की सौदे-बाज़ी हमसे न होगी
यह दुनियादारी हमसे न होगी...
!*!
सनम के लिए दे सकते हैं जान भी
हर जख्म मुस्कुराकर सह सकते हैं 
हमसे दौलत पर ज़िन्दगी कुर्बान न होगी
यह दुनियादारी हमसे न होगी...

रोमिल, यह दुनियादारी हमसे न होगी...

#रोमिल

थोडा सा ऐतबार कर ले...

एक बार तो बस हौसला, यार कर ले,
तू दीदार-ए-यार कर ले,
यूं ही कब तक दूर से आजमाता रहेगा मुझको सनम,
कभी तो पास आकर मुझ पर थोडा सा ऐतबार कर ले...

रोमिल, थोडा सा ऐतबार कर ले...

#रोमिल