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Saturday, May 25, 2013

जपुजी साहिब - जिनके ह्रदय में राम बस गया है उन्हें न कोई ठग सकता न कोई मार सकता है

जपुजी साहिब

न उहि मरहि न ठागे जाहि
जिन कै रामु वसै मनि माहि

जिनके ह्रदय में राम बस गया है उन्हें न कोई ठग सकता न कोई मार सकता है

Wednesday, May 22, 2013

जपुजी साहिब - हे प्रभु ! तेरा वह घर और उस घर का द्वार कैसा होगा? जिसमें बैठकर तू सारे संसार की सार लेता है।

जपुजी साहिब

हे प्रभु ! तेरा वह घर और उस घर का द्वार कैसा होगा? 
जिसमें बैठकर तू सारे संसार की सार लेता है।

So Daru Keha So Gharu Keha 
Jitu Bahi Sarab Samale

Tuesday, May 21, 2013

जपुजी साहिब-धर्मराज का रूप होकर परमात्मा स्वयं ही हमारे अन्दर बैठकर हमारे अच्छे बुरे कर्मो को देखता है। अत: अपने-अपने कर्मानुसार कोई तो परमात्मा के समीप होते जाते है और कोई दूर।

जपुजी साहिब

धर्मराज का रूप होकर परमात्मा स्वयं ही हमारे अन्दर बैठकर हमारे अच्छे बुरे कर्मो को देखता है। 
अत: अपने-अपने कर्मानुसार कोई तो परमात्मा के समीप होते जाते है और कोई दूर।


Changaaiya buryaaiyaa vaachey dharam hadoor. 
Karmi aapo apni ke ne re ke dur.

Monday, May 20, 2013

जपुजी साहिब - वह अनमोल ही अनमोल है उसका कथन नहीं हो सकता। जिसने कहने के प्रयास किये वह कह-कह कर उसी में समां गए।

जपुजी साहिब 

वह अनमोल ही अनमोल है उसका कथन नहीं हो सकता। जिसने कहने के प्रयास किये वह कह-कह कर उसी में समां गए।

amulo amul aakhiya na jai 
aakhi aakhi rahe liv lai.


Sunday, May 19, 2013

जपुजी साहिब - गुरु की वाणी ही नाद (शब्द) है। गुरु की वाणी ही वेद है क्यूंकि गुरुमुख में स्वयं भगवान वास करते हैं। ईश्वर, विष्णु, ब्रह्मा, पार्वती आदि यह सब गुरु की कुदरत के ही नाम है।

जपुजी साहिब 

गुरु की वाणी ही नाद (शब्द) है। गुरु की वाणी ही वेद है क्यूंकि गुरुमुख में स्वयं भगवान वास करते हैं। ईश्वर, विष्णु, ब्रह्मा, पार्वती आदि यह सब गुरु की कुदरत के ही नाम है।

Gurmukh Nadam Gurmukh Vedam 
Gurmukh Rahia Samai 
Gur Isar Gur Gorakh Barma
Guru Parvati Mai

Friday, May 17, 2013

जपुजी साहिब - कितनों को ही सदा दुःख और भूख की मार पड़ती है। हे दाता ! यह मार भी तो तेरी ही देन है।

जपुजी साहिब

कितनों को ही सदा दुःख और भूख की मार पड़ती है। हे दाता ! यह मार भी तो तेरी ही देन है। 

"Keteya Dukh Bhookh Sad Maar 
Ehi Bhi Daati Teri Dataar"

Thursday, May 16, 2013

जपुजी साहिब - जो कुछ उसे भाता है वह उसे ही करता है उस पर किसी की आज्ञा नहीं चलती। वह बादशाहों के बादशाह का भी स्वामी है। नानक ! हमारा तो उसकी इच्छानुसार ही रहना होता है।

जपुजी साहिब 

जो कुछ उसे भाता है वह उसे ही करता है 
उस पर किसी की आज्ञा नहीं चलती। 
वह बादशाहों के बादशाह का भी स्वामी है। 
नानक ! हमारा तो उसकी इच्छानुसार ही रहना होता है। 

Jo Tisu Bhavai Soi Karsi 
Hukamu Na Karna Jai; 
So Patisahu Saha Patisahibu 
Nanak Rahanu Rajai

जपुजी साहिब - उसका गुणवाद करना और सुनना चाहिए और मन से स्नेह रखना चाहिए। ऐसा करने से वह दुःख दूर करके अपने में सुख का वास करा देता है।

जपुजी साहिब

उसका गुणवाद करना और सुनना चाहिए और मन से स्नेह रखना चाहिए। 
ऐसा करने से वह दुःख दूर करके अपने में सुख का वास करा देता है।

Gaviye Suniye Man Rakhiye Bhau 
Dukh Par Har Sukh Ghar Lai Jai