खिलौनों के लिए तरसा हैं बचपन मेरा
मैं अपने ख़्वाबों से खेला करता था
रोज़ बनाता था नए ख़्वाब
फिर उसे तोड़ दिया करता था...
~
चाँद को देखकर
बर्फ का गोल, गोला बना लिया करता था,
दिन में तितलियों से
रात में जुगनू से दोस्ती किया करता था,
एक ही फन आता था मुझे
मैं दूसरों के दुःख में रो लिया करता था...
~
खिलौनों के लिए तरसा हैं बचपन मेरा
मैं अपने ख़्वाबों से खेला करता था...
#रोमिल
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