Saturday, May 4, 2013

तमाशा बनने की तुम्हारी बारी थी...

इश्क भी था
मजबूरी भी थी
ऐसी अपनी ज़िन्दगी थी...
***
टूटी हुई झोपड़ी वोह छोड़कर चला गया
सामने उसके दौलत की हवेली जो थी...
***
मैं रोता रहा
आसमान रोता रहा
बारिश भी तो जरुरी थी...
***
उसे दोस्त कहूँ
या फिर मुसाफ़िर
दो पल की ही अपनी दोस्ती-यारी थी...
***
बेवफा से दिल लगा लिया रोमिल
तमाशा बनने की तुम्हारी बारी थी...

#रोमिल

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