Thursday, February 28, 2013

तेरे जाने के बाद भी यह ज़िन्दगी रहेगी

तेरे जाने के बाद भी यह ज़िन्दगी रहेगी
दिल में यादों की एक चादर लिपटी रहेगी 
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तेरे जाने के बाद भी यह ज़िन्दगी रहेगी
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आयेंगे दिन फिर से बहार के
खुशियों के फूल फिर से खिलेंगे
होंठों पर मुस्कान खिलती रहेगी
आँखों में आंसू की परत जमी रहेगी  
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तेरे जाने के बाद भी यह ज़िन्दगी रहेगी
दिल में यादों की एक चादर लिपटी रहेगी 
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हर सवेरा होगा रोशन
महफिले ही महफिले सजेएँगी मगर जब होंगे तनहा हम
दिल में यादों की तलवारें चलेंगी 
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तेरे जाने के बाद भी यह ज़िन्दगी रहेगी
दिल में यादों की एक चादर लिपटी रहेगी 
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कौन जाने यह ज़िन्दगी हैं क्या
सांसें बस चलती रहेंगी 
किसी के साथ होता हैं अँधेरा चाँदनी रातों में भी 
यूँही नसीबों की बातें चलती रहेंगी
~*~
तेरे जाने के बाद भी यह ज़िन्दगी रहेगी
रोमिल, दिल में यादों की एक चादर लिपटी रहेगी

#रोमिल

Wednesday, February 27, 2013

हमने मोहब्बत करके क्या पाया

हमने मोहब्बत करके क्या पाया
दिल जलता रहा, धुआँ उठता रहा।
*
लोग तो समझते रहे हमको राख का पुतला
मगर दिल से मोहब्बत का बुलबुला उठता रहा।
*
ज़माने में देखे कई हसीन चेहरे
मगर तेरे दीदार का इंतज़ार करता रहा।
*
आते गए मौसम बहारों के तमाम
मैं तेरी यादों के फूल, किताबों में रखता रहा।
*
मिले हजारों मुझको राह-ए-इश्क दिखाने वाले
रोमिल, मैं सबको खुदा हाफ़िज़ करता रहा।


#रोमिल

Tuesday, February 26, 2013

हमको जो भी मिला बेवफा ही मिला

हमको जो भी मिला बेवफा ही मिला
हमको जो भी मिला बेवफा ही मिला
दिल किससे लगते हम
हमको जो भी मिला बेवफा ही मिला
दिल किससे लगते हम
***
हैं अपनी मोहब्बत की यही कहानी
हैं अपनी मोहब्बत की यही कहानी
टूट कर जिसको चाहे
वोह दीवाना न मिला
हमको जो भी मिला बेवफा ही मिला
दिल किससे लगते हम
***
कहने को तो बहुत सुनने वाले हैं यहाँ
मगर दिल जिसको सुनाये
वोह साथी न मिला
हमको जो भी मिला बेवफा ही मिला
दिल किससे लगते हम
***
रहने को तो खुला आसमान हैं यहाँ
जहाँ दो पल चैन-सुकून मिले
वोह आसरा न मिला
रोमिल हमको जो भी मिला बेवफा ही मिला
दिल किससे लगते हम

#रोमिल

Monday, February 25, 2013

दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है

दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
***
पूछो न बारिश ने भी कैसा सितम उस पर कर डाला
उसके लिखे हर लफ्ज़ को धो डाला
बारिश की बूंदों के साथ दिनभर लड़ता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
***
ख़त भेजने के लिए पता तेरा उसको मालूम नहीं
काँच की शीशी में डालकर ख़त सागर में फ़ेक दिया करता हैं
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है 
***
जब भी होती हैं तेरी दीदार-ए-आरज़ू
कागज़ पर बनाकर तस्वीर तेरी अपने सिरहाने रख लिया करता है
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
रोमिल कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है

#रोमिल