Monday, February 25, 2013

दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है

दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
***
पूछो न बारिश ने भी कैसा सितम उस पर कर डाला
उसके लिखे हर लफ्ज़ को धो डाला
बारिश की बूंदों के साथ दिनभर लड़ता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है
***
ख़त भेजने के लिए पता तेरा उसको मालूम नहीं
काँच की शीशी में डालकर ख़त सागर में फ़ेक दिया करता हैं
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है 
***
जब भी होती हैं तेरी दीदार-ए-आरज़ू
कागज़ पर बनाकर तस्वीर तेरी अपने सिरहाने रख लिया करता है
दर-ओ-दीवार पर शिकवे लिखता रहता है
रोमिल कितना पागल है एक लड़का खुद से तेरी बातें किया करता है

#रोमिल

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