जपुजी साहिब
धर्मराज का रूप होकर परमात्मा स्वयं ही हमारे अन्दर बैठकर हमारे अच्छे बुरे कर्मो को देखता है।
धर्मराज का रूप होकर परमात्मा स्वयं ही हमारे अन्दर बैठकर हमारे अच्छे बुरे कर्मो को देखता है।
अत: अपने-अपने कर्मानुसार कोई तो परमात्मा के समीप होते जाते है और कोई दूर।
Changaaiya buryaaiyaa vaachey dharam hadoor.
Changaaiya buryaaiyaa vaachey dharam hadoor.
Karmi aapo apni ke ne re ke dur.
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