Friday, May 17, 2013

जपुजी साहिब - कितनों को ही सदा दुःख और भूख की मार पड़ती है। हे दाता ! यह मार भी तो तेरी ही देन है।

जपुजी साहिब

कितनों को ही सदा दुःख और भूख की मार पड़ती है। हे दाता ! यह मार भी तो तेरी ही देन है। 

"Keteya Dukh Bhookh Sad Maar 
Ehi Bhi Daati Teri Dataar"

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