जपुजी साहिब
जो कुछ उसे भाता है वह उसे ही करता है
उस पर किसी की आज्ञा नहीं चलती।
वह बादशाहों के बादशाह का भी स्वामी है।
नानक ! हमारा तो उसकी इच्छानुसार ही रहना होता है।
Jo Tisu Bhavai Soi Karsi
Hukamu Na Karna Jai;
So Patisahu Saha Patisahibu
Nanak Rahanu Rajai
No comments:
Post a Comment