Friday, January 25, 2013

Radha Soami Satsang Beas : Satsang

Kehta hoon kahi jaat hoon, kehat bajaye dhol
Swas khali jaat hai, teen lok ka mol.

माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रोंधे मोहे |
एक दिन ऐसा आयेगा, में रोंधुगी तोहे ||

कबीरा गर्व ना कीजिये, ऊंचा देख आवास |
काल पड़ो भू लेटना, ऊपर जमसी घास ||

दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे ना कोय |
जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख कहे को होय ||

दास कहावन कठिन है, में दासन का दास |
अब तो ऐसा होए रहू, पाँव तले की घास ||

सतगुरु मिला तो सब मिले, ना तो मिला न कोय |
मात पिता सूत बान्धवा, यह तो घर घर होय ||

आज कहे हरी कल भजुंगा, काल कहे फिर काल |
आज कालके करत ही, अवसर जासी चाल ||

करता रहा सो क्यों रहा, अब करी क्यों पछताए |
बोये पेड़ बबूल का, अमुआ कहा से पाए ||

श्रम से ही सब कुछ होत है, बिन श्रम मिले कुछ नाही |
सीधे ऊँगली घी जमो, कबसू निकसे नाही ||

मन उन्मना न तोलिये, शब्द के मोल न तोल |
मुर्ख लोग न जान्सी, आपा खोया बोल ||

जिस मरने से जग डरे, मेरे मन में आनंद |
कब मरू कब पाऊ, पूरण परमानन्द ||

नींद निशानी मौत की, ऊठ कबीरा जाग |
और रसायन छोड़ के, नाम रसायन लाग ||

रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय ।
हीरा जन्म अमोल था, कोड़ी बदले जाय ॥

माया मरी न मन मरा, मर-मर गए शरीर ।
आशा तृष्णा न मरी, कह गए दास कबीर ॥

Kabir Bulbula Pani Da , Ki Teri Aukaat... 
Jis Ghar Ch Moujan Maania , Rehan Na Dinde Raat.

Menu hai aas Teri 
Tu asra hai mera 
teri yad wich beete Har Sham te Savera.

2 comments:

  1. kabi mauka mile to Beas ke Dere me zrur jana..its next station after jalandhar..
    its worth visiting..
    mera sasural b vahin hain..aur agr main punjab me hu to har bhandar zrur attend krti hu..
    mann ko shanti milti hai..

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