Saturday, May 4, 2013

तमाशा बनने की तुम्हारी बारी थी...

इश्क भी था
मजबूरी भी थी
ऐसी अपनी ज़िन्दगी थी...
***
टूटी हुई झोपड़ी वोह छोड़कर चला गया
सामने उसके दौलत की हवेली जो थी...
***
मैं रोता रहा
आसमान रोता रहा
बारिश भी तो जरुरी थी...
***
उसे दोस्त कहूँ
या फिर मुसाफ़िर
दो पल की ही अपनी दोस्ती-यारी थी...
***
बेवफा से दिल लगा लिया रोमिल
तमाशा बनने की तुम्हारी बारी थी...

#रोमिल

Surah 62 : Al-Jumuah - Ayat 9-10

Surah 62 : Al-Jumuah - 

Ayat 9. Aye imaan laane walon, jab juma ke din namaz ke liye pukara jaye to Allah ki yaad ki aur daud pado aur kraye-vikraye chhod do. Yeh tumhare liye accha hai, yadi tum jano.

Ayat 10. Fir jab namaz poori ho jaye to dharti par fail jayo aur Allah ka udar anugreh (rozi) talash karo, aur Allah ko bahut jyada yaad karte raho, taki tum safal raho.  

जब देखोगी किसी को प्यार करते हुए

जब देखोगी किसी को प्यार करते हुए
मेरा प्यार याद करोगी...
~*~
छुप-छुप कर रोओगी तकिये से लिपटकर
मेरी वफायें याद करोगी...
~*~
दुनिया हँसेगी तुम्हारी हालत देखकर 
किस-किस से फरियाद करोगी...
~*~ 
जब चाहोगी मेरा साथ फिर से
अपनी बेवफाई याद करोगी...

#रोमिल

Thursday, May 2, 2013

Surah 42 : Ash Shuraa - Ayat 49-50

Surah 42 : Ash Shuraa 

Ayat 49-50 : Allah ki hi hai akasho aur dharti ki badshahi. Vah jo chahta hai paida karta hai, jise chahta hai ladkiyaan deta hai aur jise chahta hai ladke deta hai. Ya unhe ladke aur ladkiyaan mila-julakar deta hai aur jise chahta hai ni-santan rakhata hai. Nischay hi vah sarvagya, samarthavaan hai.

झूठे हैं...

दोनों मोहब्बत करते हैं
फिर भी कहने से डरते हैं
वोह कहते हैं हम झूठे हैं
हम कहते हैं वोह झूठे हैं...
***
मिलकर उनसे दिल को करार आ जाता हैं
जो मेरे अपनों से कम झूठे हैं...
***
दो क़दम का रास्ता उनसे पार होता नहीं
जो कहते हैं मेरे वादे सच्चे हैं
तेरे वादे झूठे हैं...
***
इतनी बेवफाई के बाद भी उसकी वफ़ा की तारीफ करते हो रोमिल
तुम झूठे हो
या तुम्हारे कलम झूठे हैं...

#रोमिल

Wednesday, May 1, 2013

Surah 71 : Noah - Ayat 4

Surah 71 : Noah 



Ayat 4 - Vah tumhe kshama karke tumhare gunahon se tumhein pak kar dega aur ek nischit samay tak tumhein muhalat dega. Nischay hi jab Allah ka nischit samay aa jata hai vah talta nahin, kaash ki tum jante !

अब क्या हाल सुनाये तुमको दिल-ए-बेकरार का...

अब क्या हाल सुनाये तुमको दिल-ए-बेकरार का...
दिल को करार आये
तुमको देखने के बाद...
अब क्या हाल सुनाये 
तुमको दिल-ए-बेकरार का...
***
कहने को कई बातें हैं
मगर कहे कैसे हम
होंठ बोलते हैं मगर
तेरे जाने के बाद
अब क्या हाल सुनाये 
तुमको दिल-ए-बेकरार का...
***
हैं आरज़ू बहुत तुमको नज़रों में बसा के रखे
नज़रें भीग जाये 
तुमको याद करने के बाद...
अब क्या हाल सुनाये 
तुमको दिल-ए-बेकरार का...
***
होती हैं शमा रोशन 
चाँद के आने के बाद
अपनी रातों में हैं अँधेरा
तेरे जाने के बाद..
अब क्या हाल सुनाये 
तुमको दिल-ए-बेकरार का...

रोमिल, अब क्या हाल सुनाये 
तुमको दिल-ए-बेकरार का...

#रोमिल