Tuesday, July 3, 2018

राधा स्वामी सतसंग व्यास - शिवे रुष्टे गुरुस्त्राता, गुरौ रुष्टे न कश्यन।

शिवे रुष्टे गुरुस्त्राता, गुरौ रुष्टे न कश्चन।

अर्थात् यदि शिव रूठ जाये तो गुरु हमें बचा सकता है पर यदि गुरु रूठ जाये तो हमे बचाने वाला कोई नहीं।

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