Wednesday, April 3, 2013

Radha Soami Satsang Beas - मन लज्ज़त का आशिक़ हैं, स्वादों का प्रेमी है

Mann Lazzat ka aashiq hain, Swadon ka premi hai, Agar isko pehle se koi acchi cheez mil jaye to yeh pehli ko chhod dega, dusari ke peeche daudhega. Ise duniya ke crores lazzatein de de, mann vash mein nahi aata.

- Maharaj Sawan Singh

मन लज्ज़त का आशिक़ हैं, स्वादों का प्रेमी है, अगर इसको पहले से कोई अच्छी चीज़ मिल जाये तो यह पहली को छोड़ देगा, दूसरी के  पीछे दौड़ेगा। इसे दुनिया के करोड़ों लज्ज़तें दे दें, मन वश में नहीं आता।

- महाराज सावन सिंह 

No comments:

Post a Comment