मुहब्बतों का बीता हुआ पल अच्छा था
प्यासी धरती पर बूंदों का गिरना अच्छा था...
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मेरी ज़िन्दगी में पल भर के लिए ही था साथ उसका
फिर भी "गुन" का आना अच्छा था...
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मैं जानता था "गुन" मेरा साथ कभी नहीं देगी
फिर भी सारी-सारी रात उसके लिए जागना अच्छा था...
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"नाज़" जैसे फ़रिश्ते का फिर धरती पर आना, मुमकिन न था
फिर भी "रोमिल" उसको पाने की धुन में पागलों सा रोज़ फिरना अच्छा था...
#रोमिल
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