Wednesday, March 20, 2013

तेरे सुर्ख़ होंठों से

तेरे सुर्ख़ होंठों से मैं हाँ सुनना चाहता हूँ
मैं अपने कानों में मुहब्बत का रस घोलना चाहता हूँ
राज़-ए-मुहब्बत तू कर दुनिया-ए-जहाँ के सामने
मैं तेरा जज़्बा-ए-मुहब्बत देखना चाहता हूँ।

#रोमिल

और 

सुनो, 
सितम्बर वाली सलाह तुम खुद पर मत अजमाना 
सितम्बर अभी बहुत दूर है,
सितम्बर का व्रत मेरे पास ही आकर रखना   
मैं न तो कोई रिस्क
और न तो कोई इंतज़ार चाहता हूँ।

हा हा हा हा हा हा

#रोमिल

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