Saturday, February 9, 2013

बरसात में जो भीग गई है दीवार

बरसात में जो भीग गई है दीवार
उस पर अभी तक पूरी धूप नहीं उतरी

कमरे में पड़े हुए है जाले
रखी चीज़ों से धूल नहीं उतरी

न जाने तुम आओगी या नहीं
माँ की दी साड़ियाँ पहनोगी या नहीं
अभी तक उस पर सही से सिलवटे भी नहीं उतरी

और

तुम्हारे खतों के पन्ने अब जर्जर होने लगे है
मगर जानती हो उसमें से अभी तक तुम्हारे मोहब्बत की महक नहीं उतरी

#रोमिल

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