काश कुछ पल उसका मेहमान होता
मैं भी अपनी किस्मत का कद्रदान होता
वोह अपना नक़ाब हटाकर मुझसे मिलती
मैं भी नज़रों का थोडा बेईमान होता
सिमटा लेता उसको अपनी बाहों में
नीचे ज़मीन और ऊपर नीला आसमान होता
रह-रह कर बारिश की बूँदें गिर रही होती
खुदा भी अपना निगहेबान होता
अजीब तरह से उन खूबसूरत पलों का बसर होता रोमिल
हर सांस में सिर्फ उसका ही नाम होता...
काश कुछ पल उसका मेहमान होता...
#रोमिल
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