Sunday, April 21, 2013

कोढ़ी है वोह...

रब के दर पर कोई उसे जाने नहीं देता,

कोढ़ी है वोह...

कुछ रूपया देकर,
रब की इबादत करने वाले,
रब को खुश करना चाहते है,
उसके ज़ख्मों पर कोई मरहम नहीं लगाता 

कोढ़ी है वोह...

रोज़ वोह रब के दर पर बैठा रहता है,
रब उसकी दुआ सुनता नहीं,

मेरे रब्बा,
मेरे मौला,
मेरे खुदा, 
उसकी दुआ सुन ले,
अगर कुछ अच्छे कर्म है मेरे,
तो उन कर्मो का फल तू उसको दे दे,
मेरे रब्बा, 
उसकी दुआ सुन ले,

उसकी दुआ सुन ले...

रोटी के एक टुकड़े के लिए,
उसका, कुत्ते से लड़ाई करना,
मुझसे देखा नहीं जाता,

कोढ़ी है वोह...

उसकी दुआ सुन ले...

रोमिल, कोढ़ी है वोह...

#रोमिल

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