कितने आशिक की है यह कहानी
हसीनों की बेवफाई मार गई।
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डूबते देखे कितने साहिल
सागर की लहरे मार गई
टूटा फूल, शाखाओ से
टूटा फूल, शाखाओ से
हवाएँ मस्तानी मार गई।
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कितने आशिक की है यह कहानी
हसीनों की बेवफाई मार गई।
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नए रिश्ते बनते देखा
पुराने बंधन टूटते देखा
सूखे पत्तों की जवानी मार गई।आंसू बहाते
पल-पल तड़पते देखा
बिन बारिश बरसात मार गई।
***रोमिल, कितने आशिक की है यह कहानी
हसीनों की बेवफाई मार गई।
#रोमिल
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