कितनी दमकती है उसकी बिंदिया
ज़रा हम करीब से तो देखे
निकल आओ किसी रात तुम छत पर आवारा बनकर
हम तुमको छलनी से तो देखे।
तुम मेरी नज़रों की मस्ती तो देखो
ज़रा हम तुमको खुले बदन तो देखे
और इन हवाओं की तरह हमको भी अंगड़ाई लेने दो रात भर
हम तुमको अपनी बाहों में तो देखे।
ज़रा हम करीब से तो देखे
निकल आओ किसी रात तुम छत पर आवारा बनकर
हम तुमको छलनी से तो देखे।
तुम मेरी नज़रों की मस्ती तो देखो
ज़रा हम तुमको खुले बदन तो देखे
और इन हवाओं की तरह हमको भी अंगड़ाई लेने दो रात भर
हम तुमको अपनी बाहों में तो देखे।
#रोमिल
No comments:
Post a Comment