Wednesday, January 16, 2013

गंगा जल से अपनी प्रीत लिखे

गंगा जल से अपनी प्रीत लिखे
हर की पौड़ी पर बैठकर जीवन-संगीत लिखे
रोशनी सा जगमगा रहा हो बहता गंगा जल
अम्बर में तारों के फूल सजे
तुमको अपना मीत लिखे
कोई पुराना सपना, कुछ 
मिट्ठे बोल लिखे
जीवन भर जो निभा सके हम वोह वचन लिखे...

और

रात खड़ी है फिर तन्हाई का सूरज लेकर
चलो दिल के कागज़ पर माँ को सन्देश लिखे।

#रोमिल

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