गंगा जल से अपनी प्रीत लिखे
हर की पौड़ी पर बैठकर जीवन-संगीत लिखे
रोशनी सा जगमगा रहा हो बहता गंगा जल
अम्बर में तारों के फूल सजे
तुमको अपना मीत लिखे
कोई पुराना सपना, कुछ मिट्ठे बोल लिखे
हर की पौड़ी पर बैठकर जीवन-संगीत लिखे
रोशनी सा जगमगा रहा हो बहता गंगा जल
अम्बर में तारों के फूल सजे
तुमको अपना मीत लिखे
कोई पुराना सपना, कुछ मिट्ठे बोल लिखे
जीवन भर जो निभा सके हम वोह वचन लिखे...
और
रात खड़ी है फिर तन्हाई का सूरज लेकर
चलो दिल के कागज़ पर माँ को सन्देश लिखे।
#रोमिल
और
रात खड़ी है फिर तन्हाई का सूरज लेकर
चलो दिल के कागज़ पर माँ को सन्देश लिखे।
#रोमिल
No comments:
Post a Comment