उम्र बीत गई है जिसके इंतज़ार में
वोह कहते है समझे नहीं हमको प्यार में
अब तो वोह खौफ़जदा रहता है
भरोसा नहीं है उसे किसी के ऐतबार में
चाँद सा सजा रहता है वोह
फिर भी लोग उसे देख कर कहते है, कुछ कमी तो है तेरे श्रृंगार में
चलो यार छोड़ो यह गिले-शिकवे-आरोप
अपनी तो ज़िन्दगी बर्बाद हो गई
क्या रखा है अब लड़ाई में
#रोमिल
वोह कहते है समझे नहीं हमको प्यार में
अब तो वोह खौफ़जदा रहता है
भरोसा नहीं है उसे किसी के ऐतबार में
चाँद सा सजा रहता है वोह
फिर भी लोग उसे देख कर कहते है, कुछ कमी तो है तेरे श्रृंगार में
चलो यार छोड़ो यह गिले-शिकवे-आरोप
अपनी तो ज़िन्दगी बर्बाद हो गई
क्या रखा है अब लड़ाई में
#रोमिल
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